राधे राधे आजका भगवत चिन्तन

जीवन में सुख दुख तो आते ही रहते हैं ।

आज का भगवद चिन्तन, भगवद चिन्तन, भगवत चिन्तन,आज का भगवत चिन्तन,राधे राधे,Aaj Ka Bhagwat Chintan,Aaj Ka Bhagwad Chintan,bhagvat katha, bhagvad katha,bhagvad gita,bhagvat geeta,

जीवन में सुख दुख तो आते ही रहते हैं । जब सुख आता है , तो लोग खुश हो जाते हैं । और जब दुख आता है , तो लोग परेशान हो जाते हैं। सुख का समय तो आसानी से बीत जाता है । परंतु जब दुख आता है , तब समय काटे नहीं कटता ।

उस समय व्यक्ति उन कठिनाइयों को पार करने के लिए कुछ मित्र साथी ढूंढता है। दुख के समय, जब व्यक्ति साथियों को ढूंढता है, जो उसकी सहायता करें, तब बहुत कम साथी मिलते हैं, जो उसे दुख से पार लगाएं, अथवा दुख से छूटने के लिए सहयोग करें।

इसी समय सच्चे मित्रों तथा साथियों की परीक्षा होती है, कि अब तक जो हमारे मित्र साथी बने हुए थे , वे वास्तव में सच्चे मित्र थे ? या केवल नाटक कर रहे थे ।

सुख के समय तो कोई भी साथी बन सकता है , और सैकड़ों लोग बन ही जाते हैं। तो दुख के समय मित्रों की परीक्षा होती है ।

दूसरे मित्रों की परीक्षा भी करें, और दूसरों के दुख में साथ देकर अपनी परीक्षा भी करें , कि हम कितने सच्चे मित्र साथी हैं ।

जय श्री कृष्णा

जय जय श्री राम

आज का भगवद चिन्तन, भगवद चिन्तन, भगवत चिन्तन,आज का भगवत चिन्तन,राधे राधे,Aaj Ka Bhagwat Chintan,Aaj Ka Bhagwad Chintan,bhagvat katha, bhagvad katha,bhagvad gita,bhagvat geeta,

You may also like...

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

26 + = 31