राधे राधे आजका भगवत चिन्तन

शांति के आगे साम्राज्य का कोई मोल नहीं।

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शांति के आगे साम्राज्य का कोई मोल नहीं। जिसके पास शांति है किन्तु साम्राज्य नहीं वह अमीर है मगर जिसके पास साम्राज्य तो है किन्तु शांति नहीं निश्चित वह गरीब ही है।

यह इस जीवन की एक बड़ी विडंबना है कि कभी – कभी यहाँ साम्राज्य मिल जाता है मगर शांति नहीं मिल पाती और कभी – कभी इसके ठीक विपरीत साम्राज्य तो नहीं मिल पाता, हाँ शांति जरुर प्राप्त हो जाती है।

बाहर से हारकर भी जिसने स्वयं को जीत लिया वह सम्राट है मगर दुनिया जीतकर भी जो स्वयं से हार गया सच समझना वो कभी भी सम्राट नहीं हो सकता। सम्राट को शांति मिले यह आवश्यक नहीं पर जिसे शांति प्राप्त हो गयी वह सम्राट अवश्य है।

साम्राज्य जीवन की उपलब्धि नहीं शांति जीवन की उपलब्धि है चाहे वह धनवान बनने से मिले या धर्मवान बनने से। वैसे शांति केवल धर्म के आश्रय से ही मिलती है।

जय श्री कृष्णा

जय जय श्री राम

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