आज का सुविचार
दोस्ती काँच के एक बर्तन की तरह है,
यदि एक बार वह टूट जाये तो
दोबारा उसे औने मूल रूप
में लाना बहोत-बहोत मुश्किल होता है।
समस्त ब्रह्मक्षत्रिय समाज
by sparsh · July 22, 2019
दोस्ती काँच के एक बर्तन की तरह है,
यदि एक बार वह टूट जाये तो
दोबारा उसे औने मूल रूप
में लाना बहोत-बहोत मुश्किल होता है।
— दोस्ती
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