समस्त ब्रह्मक्षत्रिय समाज
छोटा बालक माँ -माँ करता है।
चित्त और वित्त की स्थिति लगभग एक जैसी है
काम को समय पर करने की आदत बनाओ
अराजकता कहीं है तो वह व्यक्ति के भीतर ही है
जिसका मन वश में नहीं है वही तो वेवश है
कथा और नाम जप से हृदय विकार मुक्त होता है।
माया को माया पति की और मोड़ दो
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