जो वस्तुएं हमारे पास नहीं उसका लोभ कैसा
इस जीव जगत में बह्म पूर्ण है। इसलिए यह जगत भी पूर्ण है। उसी पूर्ण से इस पूर्ण की उत्पत्ति हुई है। अतः हम अगर इस पूर्ण को निकाल देते है तो शेष पूर्ण...
समस्त ब्रह्मक्षत्रिय समाज
इस जीव जगत में बह्म पूर्ण है। इसलिए यह जगत भी पूर्ण है। उसी पूर्ण से इस पूर्ण की उत्पत्ति हुई है। अतः हम अगर इस पूर्ण को निकाल देते है तो शेष पूर्ण...
वोट्सएप / शुभकामनाएं / सफलता की कहानियाँ / सुविचार / हिंगलाज
आजकल लोग समझते ‘कम’ और समझाते ‘ज्यादा’ हैं ! तभी तो मामले सुलझते ‘कम’ उलझते ‘ज्यादा’ हैं !!
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जिस दिन हमारी मोत होती है, हमारा पैसा बैंक में ही रहा जाता है। जब हम जिंदा होते हैं तो हमें लगता है कि हमारे पास खच॔ करने को पया॔प्त धन नहीं है।
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