समस्त ब्रह्मक्षत्रिय समाज
निवारण की यात्रा ही वास्तविक अध्यात्मिक यात्रा है
शांति के आगे साम्राज्य का कोई मोल नहीं।
अच्छे कार्य करने से ही व्यक्ति महान बनता है।
कर्तव्य पालन करना बड़ी बात है
श्रीकृष्ण में जिन पुरुषों का प्रेम है
बाह्य सुख साधनों से किसी की सफलता का मूल्यांकन करना बुद्धिमत्ता नहीं है
सच्चाई के रास्ते पर चलना शुरू कर देना
सेवा का वास्तविक मूल्य भगवान् ही दे सकते हैं
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