आसान वास्तु उपाय
गरीबी एवं कर्ज मुक्ति के आसान वास्तु उपाय
परिस्थितियों के कारण कर्ज लेने की स्थिति बन जाती है। न चाहते भी कर्ज खत्म होने का नाम नहीं लेता।
इसका कारण वास्तु दोष भी है, जिसके कारण कर्ज का बोझ परेशान करता है। एक कर्ज उतरा नहीं, दूसरा लेने की नौबत आ जाती है तथा इस स्थिति से छुटकारा नहीं मिलता। वास्तु से जुड़े तथ्यों पर ध्यान देकर भी कर्ज से छुटकारा पा सकते हैं।
गरीबी एवं कर्ज से बचने के लिए कुछ आसान वास्तु उपाय
दो उचे भवनों घिरा हुआ भवन या भारी भवनों के बीच दबा हुआ भवन भूखण्ड खरीदने से बचें क्योंकि दबा हुआ भवन भूखंड गरीबी एवं कर्ज का सूचक है।
दक्षिण-पश्चिम के कोने में पीतल या ताँबे का घड़ा लगा दें।
उत्तर या पूर्व की दीवार पर उत्तर-पूर्व की ओर लगे दर्पण लाभदायक होते हैं।
दर्पण के फ्रेम पर या दर्पण के पीछे लाल, सिंदूरी या मैरून कलर नहीं होना चाहिए।
दर्पण जितना हलका तथा बड़े आकार का होगा, उतना ही लाभदायक होगा, व्यापार तेजी से चल पड़ेगा तथा कर्ज खत्म हो जाएगा। दक्षिण तथा पश्चिम की दीवार के दर्पण हानिकारक होते है।
उत्तर-पूर्व का तल कम से कम 2 से 3 फीट तक गहरा करवा दें।
दक्षिण-पश्चिम व दक्षिण दिशा में भूमिगत टैंक, कुआँ या नल होने पर घर में दरिद्रता का वास होता है।
उत्तर दिशा की ओर ढलान जितनी अधिक होगी संपत्ति में उतनी ही वृद्धि होगी।
यदि कर्ज से अत्यधिक परेशान हैं तो ढलान ईशान दिशा की ओर करा दें, कर्ज से मुक्ति मिलेगी।
पूर्व तथा उत्तर दिशा में भूलकर भी भारी वस्तु न रखें अन्यथा कर्ज, हानि व घाटे का सामना करना पड़ेगा।
भवन के मध्य भाग में अंडर ग्राउन्ड टैंक या बेसटैंक न बनवाएँ।
उत्तर व दक्षिण की दीवार बिलकुल सीधी बनवाएँ।
उत्तर की दीवार हलकी नीची होनी चाहिए।
कोई भी कोना कटा हुआ न हो, न ही कम होना चाहिए। गलत दीवार से धन का अभाव हो जाता है।
यदि कर्ज अधिक है और परेशान हैं तो ईशान कोण को 90 डिग्री से कम कर दें।
उत्तर-पूर्व भाग में भूमिगत टैंक या टंकी बनवा दें। टंकी की लम्बाई, चौड़ाई व गहराई के अनुरूप आय बढ़ेगी।
मकान का मध्य भाग थोड़ा ऊँचा रखें। इसे नीचा रखने से बिखराव पैदा होगा।
यदि उत्तर दिशा में ऊँची दीवार बनी है तो उसे छोटा करके दक्षिण में ऊँची दीवार बना दें।