इस तत्व के स्वामी हैं वरुणदेव

Vaidik Jyotish

भवन की उत्तर-पश्चिम(वायव्य)दिशा में वायु तत्व की प्रधानता होती है।

वायु तत्व वाली इस दिशा के स्वामी वरुण देव है और वायु तत्व को वास्तुपुरुष का श्वास माना जाता है।

उत्तम स्वास्थ्य और दीर्घायु के लिए भवन के उत्तर और पश्चिम दिशाओं में वायु सेवन का स्थान रखना चाहिए।

वास्तु में इस दिशा को संवाद की दिशा भी माना गया है अतःभवन में इस तत्व के कमजोर होने से सामाजिक सम्बन्ध अच्छे नहीं रहते व मान सम्मान में भी कमी आती है।

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