ज्योतिष और वास्तु
ज्योतिष और वास्तु: सुखी जीवन के लिए सरल उपाय करे
ब्रह्म बेला में उठ कर इश्वर का नाम, ध्यान, योग और पूजा करनी चाहिए ।
सूर्य: सूर्योदय के पहले उठे और उगते सूर्य के दर्शन करे।
भोजन: भोजन करते समय शांत रहना चाहिए।
सूर्योदय से पूर्व ब्रह्मा बेला में उठकर, अपने दोनों हांथो की हंथेली को रगड़ कर और हंथेली को देख कर अपने मुंह पर फेरे,
क्योंकि:- शास्त्रों में कहा गया है की:
कराग्रे वसते लक्ष्मी करमध्ये सरस्वती।
प्रभात श्लोक
करमूले तू गोविन्द: प्रभाते करदर्शनम्।।
योग: योग ,प्राणायाम को प्रतिदिन करना चाहिए।
आशीर्वाद: माता पिता गुरुजनों का आशीर्वाद लेना चाहिए।
भोजन: गाय, कुत्ता और कौवा का भोजन जरुर निकलना चाहिए।
सोते समय: सोते समय सर दक्षिण दिशा की ओर रखना चाहिए।
बीम: बीम के नीचे न बैठें और न ही सोयें ।
तुलसी: तुलसी का पौधा लगाना चाहिए।
नमक: नमक या सेंधानमक का पोछा लगाना चाहिए।
झाडू: झाडू खुले स्थान पर नही रखना चाहिए।
टूटे-फूटे: टूटे-फूटे बरतन, टूटा दर्पण , टूटी चारपाई न रखें ।
घड़ी: बंद घड़ी नही रखना चाहिए।
भोजन: उत्तर ,पूर्व की ओर मुंह करके भोजन करना चाहिए।
सफाई: शनिवार और अमावस्या को सारे घर की सफाई करके कबाड़ को बाहर निकले और पुराने जूते-चप्पलों का दान करना चाहिए।
बाथरूम: स्नान करने के बाद बाथरूम को कभी गंदा नही छोड़ना चाहिए।
बुधवार: बुधवार को किसी को उधार नही देना चाहिए, वापस नहीं आएगा।
राहू काल: राहू काल में कोई कार्य शुरू नही करना चाहिए ।
श्री सूक्त: श्री सूक्त का पाठकरना चाहिए ।
इष्ट का जाप व पूजन अवश्य करना चाहिए।
श्री सूक्त का पाठ करने से धन आता रहेगा।
अन्न, वस्त्र, तेल, कंबल, अध्ययन सामग्री का दान करना चाहिए।
राशि या लग्न स्वामी ग्रह के रंग की कोई वस्तु अपने साथ हमेशा रखनी चाहिए।
वास्तु के सरल उपाय :
घर में तुलसी के पौधे | घर, परिसर को स्वच्छ रखें | कच्चे नीम पत्ती की धूनी जलाएं | कंडे को प्रज्ज्वलित कर धुना एवं लोबान से धूप दिखाना चाहिए। भजन की (C.D) चलाना चाहिए।
मृत पितर के चित्र अपनी दृष्टिके सामने नही रखना चाहिए। कलह-क्लेश नही होना चाहिए|प्रसन्न एवं संतुष्ट रहना चाहिए। कार्य करते हुए नामजप , स्तोत्र आदि का पाठ करना चाहिए |सुबह और संध्या समय ,पूजा स्थलपर आरती करें| पर्दे, दीवार, चादर के रंग काले, बैंगनी या गहरे रंगके नही होने चाहिए।