मंगल
मंगल – Mars (Tamasik, Fiery, Kshatriya)
मित्र | सूर्य, चंद्र, बृहस्पति। |
शत्रु | बुध। |
सम | शनि। |
अधिपति | मेष, वृश्चिक। |
मूलत्रिकोण | मेष 0°-12° |
उच्च | मकर 28° |
नीच | कर्क 28° |
कला/किरण | 6/10 |
लिंग | पुलिंग। |
दिशा | दक्षिण। |
शुभ रंग | गहरा लाल। |
शुभ रत्न | लाल मूंगा, रक्तमणि। |
शुभ संख्या | 9, 8, 27। |
देवता | गणपति, शंमुख कार्तिकेय, हनुमान, सुब्रमन्य। |
बीज मंत्र :
ऊँ क्रां क्रीं क्रौं से भोमाये नम:। (20 दिन में 10000 बार)।
वैदिक मंत्र :
ऊँ आस्त्येन रजसा वर्तमानो निवेशयन्नमृतं मृत्र्य च। हिरण्येन सविता रथेनादेवी यति भुवना विपश्यत्।।
दान योग्य वस्तुएं :
लाल कपड़ा, फूल, चंदन की लकड़ी, गेहुं, मसूर की दाल, घी, तांबा (मंगलवार के दिन, सूर्यास्त से पूर्व, 48 मिनट के अन्दर)।
स्वरूप :
मध्यम आकार व लम्बाई, चंचल मन, दुर्बल, चिड़चिड़ा, क्रोधी, क्रूर।
त्रिदोष व शरीर के अंग :
पित्त, हाथ, आँखें, बड़ी आंत, रक्त।
रोग :
रक्तचाप, फोड़ा, रक्त से संबंधित पेरशानी, जलना, कटना, चोट, बवासीर, मूत्राशय से संबंधित परेशानी, हड्डी का टूटना, बोझिल/चढ़ी हुई आँखें, पीलिया, गांठ/ट्यूमर, स्राव, खसरा, मिर्गी, घाव।
प्रतिनिधित्व :
धातु, आन्तरिक – बल।
विशिष्ट गुण :
तानाशाही, बंजर, विवाह संबंधी ग्रह, साहसिक कार्य व विस्तार का ग्रह, निरंकुश शासक।
कारक :
सौतेली माता, छोटा भाई, अचल सम्पत्ति, भूमि, आवेग, क्रोध, हिंसा, घृणा, सहनशक्ति, मांसपेशी, बहादुरी, बल, कामुक, प्रतिरक्षा, शत्रु, रक्त, दुर्घटना, आकस्मिक मृत्यु, हत्या, पाप, प्रतिशोधिता, विज्ञान, गणित, शल्य क्रिया, बीमारी, आकांक्षा की आग, तर्क।
व्यवसाय व जीविका :
प्रापर्टी डीलर, दंत चिकित्सक, दवा विक्रेता, शल्य चिकित्सा, अभियंता/इंजीनियरिंग, रसोईया, नाई, खेल, कुश्ती, शिकार, औजार या वाद्ययंत्र से संबंधित, पुलिस, सेना, भूविज्ञान, सर्कस, धातु का व्यापार, चोरी, जेल, हथियार, बेकर/नानबाई, अग्निशामक दल, भूमि, भट्टी, शस्त्रागार, दुग्धशाला से संबंधित कार्य।बुध (राजसी, थलीय, शुद्र)