ज्योतिष-वास्तुशास्त्र
मेष- 👇🏾👇🏾👇🏾
राशि स्वामी मंगल है तथा यह राशि पूर्व दिशा की स्वामिनी है। यह राशि पुरुष-जाति, लाल-पीले वर्ग, वर्ण कांतिहीन, क्षत्रिय वर्ण, अग्नि तत्व वाली, चर संज्ञक समान अंगों वाली, अल्प सन्ततिवान तथा पित्त प्रकृति कारक है। इसका स्वभाव अहंकारी, साहसी तथा मित्रों के प्रति दयालुता का है। इसके द्वारा मस्तक का विचार किया जाता है।
वृषभ- 👇🏾👇🏾👇🏾
राशि स्वामी शुक्र है तथा यह दक्षिण दिशा की स्वामिनी है। यह राशि स्त्री जाति, श्वेत वर्ण, कान्तिहीन, वैश्य वर्ण, भूमि तत्व वाली, स्थिर संज्ञक, शिथिल शरीर, शुभकारक तथा महाशब्दकारी है। इसका स्वभाव स्वार्थी, सांसारिक कार्यों में दक्षता तथा बुद्धिमत्ता से काम लेने का है। इसे अर्द्धजलराशि भी कहा जाता है। इसके द्वारा मुंह और कपोलों का विचार किया जाता है।
मिथुन- 👇🏾👇🏾👇🏾
राशि स्वामी बुध है। यह पश्चिम दिशा की स्वामिनी है। यह राशि पुरुष जाति, हरित वर्ण, चिकनी, शूद्र वर्ण, पश्चिम वायु तत्व वाली, ऊष्ण, महाशब्दकारी, मध्यम संतति वाली, शिथिल तथा विषमोदयी है। इसका स्वभाव शिल्पी तथा विद्याध्ययनी है। इसके द्वारा शरीर के कंधों तथा बाजुओं का विचार किया जाता है।
कर्क- 👇🏾👇🏾👇🏾
राशि स्वामी चंद्रमा है। यह उत्तर दिशा की स्वामिनी है। यह राशि स्त्री जाति, रक्त धवल मिश्रित वर्ण, जलचारी, सौम्य तथा कफ प्रकृति वाली, बहुसंतान एवं चरण रात्रिबली तथा समोदयी है। इसका स्वभाव लज्जा, सांसारिक उन्नति के लिए प्रयत्नशील रहना तथा समय के अनुसार चलना है। इसके द्वारा वक्षस्थल एवं गुर्दे पर विचार किया जाता है।
सिंह- 👇🏾👇🏾👇🏾
राशि स्वामी सूर्य है। यह पूर्व दिशा की स्वामिनी है। यह राशि पुरुष जाति, पीत वर्ण, क्षत्रिय वर्ण, पित्त प्रकृति, अग्नि तत्व वाली, ऊष्ण स्वभाव, पुष्ट शरीर, यात्राप्रिय, अल्प सन्तानविद् तथा निर्जल है। इसका स्वभाव मेष राशि के समान है, परंतु इसमें उदारता एवं स्वातन्त्र्यप्रियता अधिक पाई जाती है। इसके द्वारा हृदय का विचार किया जाता है।
कन्या- 👇🏾👇🏾👇🏾
राशि स्वामी बुध है। यह दक्षिण दिशा की स्वामिनी है। यह राशि स्त्री जाति, पिंगल वर्ण, द्विस्वभाव, वायु तथा शीत प्रकृति, पृथ्वी तत्व वाली, रात्रिबली तथा अल्प सन्तति वाली है। इसका स्वभाव मिथुन राशि जैसा है, परंतु यह अपनी उन्नति तथा सम्मान पर विशेष रूप से ध्यान देती है। इसके द्वारा पेट का विचार किया जाता है।
तुला- 👇🏾👇🏾👇🏾
राशि स्वामी शुक्र है। यह पश्चिम दिशा की स्वामिनी है। यह राशि पुरुष जाति, श्याम वर्ण, चर संज्ञक, शूद्र वर्ण, वायु तत्व वाली, दिनबलि, क्रूर स्वभाव, शीर्षोदयी, अल्प सन्ततिवान तथा पादजल राशि है। इसका स्वभाव ज्ञान-प्रिय, राजनीतिज्ञ, विचारशील एवं कार्य सम्पादक है। इसके द्वारा नाभि से नीचे के अंगों का विचार किया जाता है।
वृश्चिक- 👇🏾👇🏾👇🏾
राशि स्वामी मंगल है। यह उत्तर दिशा की स्वामिनी है। यह राशि स्त्री जाति, शुभ वर्ण, कफ प्रकृति, ब्राह्मण वर्ण, उत्तर दिशा की स्वामिनी, रात्रिबली, बहु सन्ततिवान तथा अर्द्धजल तत्व वाली है। इसका स्वभाव स्पष्टवादी, निर्मल, दृढ़ प्रतिज्ञ, हठी तथा दम्भी है। इसके द्वारा जननेन्द्रिय का विचार किया जाता है।
धनु- 👇🏾👇🏾👇🏾
राशि स्वामी गुरु है। यह पूर्व दिशा की स्वामिनी है। यह राशि पुरुष जाति, स्वर्ण वर्ण, द्विस्वभाव, क्षत्रिय वर्ण, दिनबली, पित्त प्रकृति, अग्नि तत्व वाली, अल्प सन्ततिवान, दृढ़ शरीर तथा अर्द्धजल तत्व वाली राशि है। इसका स्वभाव करुणामय, मर्यादाशील तथा अधिकारप्रिय है। इसके द्वारा पाँवों की संधि तथा जंघाओं पर विचार किया जाता है।
मकर- 👇🏾👇🏾👇🏾
राशि स्वामी शनि है। यह दक्षिण दिशा की स्वामिनी है। यह राशि स्त्री जाति, पिंगल वर्ण, रात्रिबली, वैश्य वर्ण, पृथ्वी तत्व वाली, शिथिल शरीर तथा वात प्रकृति वाली है। इसका स्वभाव उच्च स्थिति का अभिलाषी है। इसके द्वारा पाँव के घुटनों का विचार किया जाता है।
कुंभ- 👇🏾👇🏾👇🏾
राशि स्वामी शनि है। यह पश्चिम दिशा की स्वामिनी है। यह राशि पुरुष जाति, विचित्र वर्ण, वायु तत्व वाली, शूद्र वर्ण, त्रिदोष प्रकृति वाली, ऊष्ण स्वभाव, अर्द्धजल, मध्यम संतान वाली, शीर्षोदय, क्रूर तथा दिनबली है। इसका स्वभाव शांत, विचारशील, धार्मिक तथा नवीन वस्तुओं का आविष्कारकर्ता है। इसके द्वारा पेट के भीतरी भागों का विचार किया जाता है।
मीन- 👇🏾👇🏾👇🏾
राशि स्वामी गुरु है। यह उत्तर दिशा की स्वामिनी है। यह राशि स्त्री जाति, पिंगल वर्ण, जल तत्व वाली, ब्राह्मण वर्ण, कफ प्रकृति तथा रात्रिबली है। यह पूर्ण रूप से जल राशि है। इसका स्वभाव दयालु, दानी तथा श्रेष्ठ है। इसके द्वारा पैरों का विचार किया जाता है।
jyotish , jyotish astrology, jyotisha, jyotish chart, jyotish meaning, jyotish near me, jyotish shastra, jyotish astrology reading, jyotish astrology chart,jyotish birth chart, jyotish book, jyotish consultation,jyotish compatibility,jyotish for beginners,jyotish for marriage,jyotish free online,