आपका जीवनसाथी
जीवनसाथी आपके रिश्ते को लेकर उदासीन
यदि आपका जीवनसाथी आपके रिश्ते को लेकर उदासीन है। हर छोटी सी बात आपसी अनबन का कारण बन गई हैं।जीवन में सेक्सक जैसी मूलभूत आवश्यआकता पीछे छूटती जा रही है या आपका पार्टनर आपसे निगाहें चुराने लगा है. या फिर आपके संबंधों में मिठास खत्मा हो चुकी है तो एक बार अपने घर, अपने बेडरूम और संबंध बनाने की दिशा के वास्तु की जांच जरूर करा लें।
क्योंकि इसके पीछे कारण वास्तुै दोष है। आइये जानते हैं कुछ ऐसे ही वास्तुदोष जिनके होने पर पति-पत्नी के सबंधों को बुरी प्रभावित करते हैं।
ऋणात्मक शक्तियां
इसलिए घर का वातावरण ऐसा होना चाहिए कि ऋणात्मक शक्तियां कम तथा सकारात्मक शक्तियां अधिक क्रियाशील हों। यह सब वास्तु के द्वारा ही संभव हो सकता है।
ईशान कोण का बहुत ही महत्व है। यदि पति-पत्नी साथ बैठकर पूजा करें तो उनका आपस का अहंकार खत्म होकर संबंधों में मधुरता बढ़ेगी।
गृहलक्ष्मी द्वारा संध्या के समय तुलसी में दीपक जलाने से नकारात्मक शक्तियों को कम किया जा सकता है।
घर के हर कमरे के ईशान कोण को साफ रखें, विशेषकर शयनकक्ष के। पति-पत्नी में आपस में वैमनस्यता का एक कारण सही दिशा में शयनकक्ष का न होना भी है।
अगर दक्षिण-पश्चिम दिशाओं में स्थित कोने में बने कमरों में आपकी आवास व्यवस्था नहीं है तो प्रेम संबंध अच्छे के बजाए, कटुता भरे हो जाते हैं।
शयनकक्ष के लिए दक्षिण दिशा निर्धारित करने का कारण यह है कि इस दिशा का स्वामी यम, शक्ति एवं विश्रामदायक है।
घर में आराम से सोने के लिए दक्षिण एवं नैऋत्य कोण उपयुक्त है।
शयनकक्ष में पति-पत्नी का सामान्य फोटो होने के बजाए हंसता हुआ हो, तो वास्तु के अनुसार उचित रहता है।
घर के अंदर उत्तर-पूर्व दिशाओं के कोने के कक्ष में अगर शौचालय है तो पति-पत्नी का जीवन बड़ा अशांत रहता है। आर्थिक संकट व संतान सुख में कमी आती है।
इसलिए शौचालय हटा देना ही उचित है। अगर हटाना संभव न हो तो शीशे के एक बर्तन में समुद्री नमक रखें।
यह अगर सील जाए तो बदल दें। अगर यह संभव न हो तो मिट्टी के एक बर्तन में सेंधा नमक डालकर रखें।
घर के अंदर यदि रसोई सही दिशा में नहीं है तो ऐसी अवस्था में पति-पत्नी के विचार कभी नहीं मिलेंगे। रिश्तों में कड़वाहट दिनों-दिन बढ़ेगी। कारण अग्नि का कहीं ओर जलना।
रसोई घर की सही दिशा है आग्नेय कोण। अगर आग्नेय दिशा में संभव नहीं है तो अन्य वैकल्पिक दिशाएं हैं।
आग्नेय एवं दक्षिण के बीच, आग्नेय एवं पूर्व के बीच, वायव्य एवं उत्तर के बीच।यदि हम अपने वैवाहिक जीवन को सुखद एवं समृद्ध बनाना चाहते हैं और अपेक्षा करते हैं कि जीवन के सुंदर स्वप्न को साकार कर सकें।
पति-पत्नीव को अपने सिर की तरफ पानी नहीं रखना चाहिए और उनके बेडरूम की दीवारों का रंग हल्काम और रुहानी होना चाहिए न कि चटख संबंधों का भरपूर लुत्फ उठाने के लिए पति-पत्नी को कमरे के दक्षिण-पश्चिम (SW) दिशा में संबंध बनाना चाहिए. इसके अलावा अगर आपके घर का उत्तर-पूर्व (NE) नहीं है या कटा हुआ है या गोलाकार में है या दोषपूर्ण है।