औषधीय गुणों से भरपूर है पीपल
औषधीय गुणोंका भंडार पीपल
पीपल से रोगों का इलाज करे
दांत दर्द
पीपल तथा वट वृक्ष की छाल बराबर मात्रा में लेकर इस मिश्रण बना लें। इस मिश्रण को गर्म पानी में उबाल कर इससे कुल्ला करने से दांत दर्द समाप्त हो जाता है।
भूख कम लगना
पीपल के पके हुए फलों के उपयोग से भूख कम लगना, खांसी, पित्त, रक्त संबंधी विकार तथा उल्टी का स्थायी उपचार संभव है।
पेट दर्द
पीपल के पौधे की 2-5 पत्तियों का पेस्ट बनाकर उसे 50 ग्राम गुड़ में मिलाकर मिश्रण बना लें तथा इस मिश्रण की छोटी-छोटी गोलियां बनाकर दिन में 3-4 बार सेवन से पेट दर्द में राहत मिलेगी।
अस्थमा
पीपल की छाल तथा पके हुए फलों का अलग-अलग पाउडर बनाकर उसे समान मात्रा में मिला लें। इस मिश्रण को दिन में 3-4 बार सेवन से अस्थमा रोग से मुक्ति मिलती है।
दाद खाज खुजली
50 ग्राम पीपल की छाल की राख बनाकर, इसमें नींबू तथा घी मिलाकर इसका पेस्ट बना कर इस पेस्ट को प्रभावित अंगों पर लगाने से आपको तुरंत शीतलता प्राप्त होगी।
पीपल की छाल की 40 मिलीलीटर चाय के प्रतिदिन सेवन से भी राहत मिलती है।
त्वचा रोग
पीपल की कोमल पत्तियों को चबाने से त्वचा की खारिश तथा अन्य रोगों का उपचार होता है। पीपल की पत्तियों की 40 मिलीलीटर चाय का सेवन भी अत्यंत प्रभावकारी साबित होता है।
रक्त की शुद्धता
1-2 ग्राम पीपल बीज पाउडर को शहद में मिलाकर प्रतिदिन दो बार उपयोग से रक्त शुद्ध होता है।
खूनी दस्त अतिसार
पीपल के कोमल तने, बीज, क्रिस्टल चीनी को बराबर मात्रा में मिलाकर इसका मिश्रण बना लें तथा दिन में इस मिश्रण को आवश्यकतानुसार 3-4 बार लें। इसके सेवन से खूनी अतिसार बंद हो जाएंगे।
सांप काटने पर
जहरीले सांप के काटे जाने पर पीपल की कोमल पत्तियों के रस की दो-दो बूंदे लें तथा उसकी पत्तियों को चबाएं। उससे सांप के विष का असर कम होगा।
नपुंसक्ता
पीपल के फल के पाउडर का आधा चम्मच दिन में दूध के साथ तीन बार लेने से नपुंसकता समाप्त हो जती है तथा शरीर बलवान बनता है।
पीपल फल, जड़े, छाल तथा शुंगा को बराबर मात्रा में लेकर इसमें शहद मिलाकर खाने से सेक्स ताकत में बढ़ोतरी होती है।
पाचन तंत्र की समस्या
पीपल के 5-10 फल प्रतिदिन सेवन में कब्ज रोग का स्थाई समाधान होता है।
लिवर के रोगों के लिए
4 ताजा पीपल की पत्तियों को क्रिस्टल चीनी में मिलाकर इसका पाउडर बना लें। इस पाउडर को 250 ग्राम पानी में मिलाकर मिश्रण को छान लें। इसे रोगी को 5 दिन तक दिन में दो बार दें। यह मिश्रण पीलिया रोग में अत्यंत प्रभावकारी साबित होता है।
हिचकी
हिचकी आने पर 50-100 ग्राम पीपल की छाल का चारकोल बनाकर इसे पानी से बुझा दें। इस पानी के सेवन से हिचकी आनी बंद हो जाती है।
आंखों में दर्द
पीपल की पत्तियों के दूध को आंखों पर लगाने से आंखों की पीड़ा कम होगी।
फटी एड़ियां
फटी एड़ियों पर पीपल की पत्तियों का रस या उसका दूध लगाएं इससे इस समस्या में पूरा उपचार मिलेगा।