पुरुषोत्तम मास

पुरुषोत्तम मास – अधिकमास

अधिकमास (पुरषोत्तम मास) में दीप दान

पुरुषोत्तम मास (18 सितम्बर से 16 अक्टूबर 2020) में पूरा दीप दान करना । मंदिर में दीप जलाके रख दिया, पीपल के नीचे रख दिया, तुलसी को रख दिया । दीप दान की बड़ी महिमा है , पुरषोत्तम मास मे दीप दान से हर आफत शराफत से छूट जायेंगी ।

धन-धान्य व सुख-संम्पदा के लिए

हर अमावस्या को घर में एक छोटा सा आहुति प्रयोग करें।
सामग्री : १. काले तिल, २. जौं, ३. चावल, ४. गाय का घी, ५. चंदन पाउडर, ६. गूगल, ७. गुड़, ८. देशी कर्पूर, गौ चंदन या कण्डा।

विधि: गौ चंदन या कण्डे को किसी बर्तन में डालकर हवनकुंड बना लें, फिर उपरोक्त ८ वस्तुओं के मिश्रण से तैयार सामग्री से, घर के सभी सदस्य एकत्रित होकर नीचे दिये गये देवताओं की १-१ आहुति दें।

आहुति मंत्र

🌷 १. ॐ कुल देवताभ्यो नमः
🌷 २. ॐ ग्राम देवताभ्यो नमः
🌷 ३. ॐ ग्रह देवताभ्यो नमः
🌷 ४. ॐ लक्ष्मीपति देवताभ्यो नमः
🌷 ५. ॐ विघ्नविनाशक देवताभ्यो नमः

अधिकमास (पुरषोत्तम मास) में दीप दान

पुरुषोत्तम मास (18 सितम्बर से 16 अक्टूबर 2020) में पूरा दीप दान करना । मंदिर में दीप जलाके रख दिया, पीपल के नीचे रख दिया, तुलसी को रख दिया । दीप दान की बड़ी महिमा है , पुरषोत्तम मास मे दीप दान से हर आफत शराफत से छूट जायेंगी ।

बरकत बढ़ाने (अधिक मास विशेष)

अधिक मास :- 18 सितम्बर से 16 अक्टूबर 2020 तक

पुरुषोत्तम मास पूरा दोपहर को खाना खाने से पहले भगवत गीता का १५ वां अध्याय पढ़के फिर ही भोजन करना । घर में से बरकत कभी जायेगी ही नहीं। कोई ऐसा है जो भगवत गीता का १५ वां अध्याय पूरा नहीं भी पढ़ सकता तो १५ वें अध्याय का एक श्लोक ही पढ लें । पर १५ वां अध्याय उतना बड़ा नहीं है, चाहें तो पूरा पढ़ सकते हैं ।

पुरुषोत्तम मास में अनुष्ठान भी किया जाता है …जप ज्यादा किया जाता है । अधिक मास में जप की अधिक महिमा है। जिसको अनुष्ठान करना हो वे भाई-बहनें पुरुषोत्तम मास का फायदा जरुर उठायें । अनुष्ठान ना कर सकें.. नौकरी धंधे में से समय नहीं मिलता तो जप ज्यादा कर दें । रात को सोने से पहले जप कर लें ।

गंगा स्नान का मंत्र

गंगा स्नान के लिए रोज हरिद्वार तो जा नही सकते, घर में ही गंगा स्नान का पुन्य मिलने के लिए एक छोटा सा मन्त्र है..
ॐ ह्रीं गंगायै ॐ ह्रीं स्वाहा
यह मन्त्र बोलते हुए स्नान करें तो गंगा स्नान का लाभ होता है ।

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