शिवजी की पूजा में बेलपत्र का महत्व
आखिर क्या है शिवजी की पूजा में बेलपत्र का महत्व?
जब भी हम भगवान शिव की पूजा-अर्चना करते हैं तो हम उन्हें गंगा जल, पुष्प, दूध, बेलपत्र इत्यादि अर्पित करते हैं।
कहा जाता है कि जबतक भगवान शिव को बेलपत्र अर्पित नहीं करते तबतक उनकी पूजा अपूर्ण मानी जाती है।
भगवान शिव की पूजा
लेकिन क्या कभी आपने ये सोचा कि बेलपत्र के बिना भगवान शिव की पूजा अपूर्ण क्यों मानी जाती है?
दरअसल ऐसी मान्यता है कि भगवान शिव के शिवलिंग को बेल के वृक्ष के नीचे स्थापित करके हर दिन सुबह-सुबह जल चढाने से मनुष्य के सभी पाप नष्ट होते हैं और उसे सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है|
मनुष्य का उद्धार
कहा जाता हैं कि बेल के वृक्ष के दर्शन या स्पर्श मात्र से भी मनुष्य का उद्धार हो सकता है|
ऐसी मान्यता है कि बेलपत्र और जल से भगवान शंकर का मस्तिष्क शीतल रहता है।
पूजा में इनका प्रयोग करने से वे बहुत जल्द प्रसन्न होते हैं।
भगवान शिव को बेलपत्र अर्पित करते वक्त और इसे तोड़ते समय कुछ खास नियमों का पालन करना जरूरी होता है।
बेलपत्र के विषय में लोगों का ये विश्वास है कि जो इंसान पवित्र मन से भगवान शिव को दो या तीन बेलपत्र अर्पित करता है, वो भवसागर से मुक्त हो जाता है|
ऐसा भी मानते हैं कि भगवान शिव को अखंडित बेलपत्र चढ़ाने वाला भक्त मृत्यु के पश्चात भगवान शिव के धाम चला जाता है|