स्पर्श का ज्ञान कराती है अग्नि
सूर्य तथा मंगल अग्नि प्रधान ग्रह होने से अग्नि तत्व के स्वामी माने गए हैं।
मानव शरीर में वायु और अग्नि दोनों ही तत्व स्पर्श का प्रतिनिधित्व करते है और इमारत के दक्षिण-पूर्व कोण(आग्नेय)में अग्नि तत्व का आधिपत्य होता है , इसलिए भवन में अग्नि से सम्बंधित समस्त कार्य-रसोईघर,बिजली का मीटर आदि को आग्नेय कोण में ही स्थापित करना चाहिए।
अग्नि का प्रतीक त्रिकोण है,अतःत्रिकोणीय प्लॉट पर भवन का निर्माण नहीं करवाना चाहिए अन्यथा अग्नि दुर्घटनाओं से जान-माल की हानि की संभावना रहती है।
भवन में अग्नि तत्व के संतुलित होने से आर्थिक सुरक्षा की भावना बनी रहती है।
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