सुभाषित

Subhashitani Sanskrutam

संस्कृत के सुभाषित

सुभाषित शब्द “सु” और “भाषित” के मेल से बना है जिसका अर्थ है “सुन्दर भाषा में कहा गया”। संस्कृत के सुभाषित जीवन के दीर्घकालिक अनुभवों के भण्डार हैं।

आरोग्यं विद्वत्ता सज्जनमैत्री महाकुले जन्म ।
स्वाधीनता च पुंसां महदैश्वर्यं विनाप्यर्थे: ।।

सुभाषित का अर्थ

आरोग्य, विद्वत्ता, सज्जनों से मैत्री, श्रेष्ठ कुल में जन्म, दूसरे के ऊपर निर्भर न होना यह सब धन नहीं होते हुए भी पुरूषों का एश्वर्य है ।

Sanskrutam Subhashitani

सा भार्या या प्रियं बू्रते स पुत्रो यत्र निवृति: ।
तन्मित्रं यत्र विश्वास: स देशो यत्र जीव्यते ।।

सुभाषित का अर्थ

जो मीठी वाणी में बोले वही अच्छी पत्नी है, जिससे सुख तथा समाधान प्राप्त होता है वही वास्तव में पुत्र है, जिसपर हम बिना झिझ के संपूर्ण विश्वास कर सकते है वही अपना सच्चा मित्र है तथा जहांपर हम काम करके अपना पेट भर सकते हैं वही अपना देश है ।

Sanskrutam Subhashitani

कालो वा कारणं राज्ञो राजा वा कालकारणम्
इति ते संशयो मा भूत् राजा कालस्य कारणं ।

सुभाषित का अर्थ

काल राजा का कारण है कि राजा काल का इस मे थोडी भी दुविधा नहीं कि राजा ही काल का कारण है ।

Sanskrutam Subhashitani

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