हिंगलाज- सुभाषित
संस्कृत के सुभाषित
पुराणपुरुषं देवं नानाक्रीडाकरं मुद्रा ।
मायाविनां दुर्विभावयं मयूरेशं नमाम्यहम् ॥
Sanskrit Subhashit with hindi meaning
जो पुराणपुरुष हैं और प्रसन्नतापूर्वक नाना प्रकार की क्रीडाएँ करते हैं ; जो माया के स्वामी हैं तथा जिनका स्वरूप दुर्विभाव्य है, उन मयूरेश गणेश को मैं प्रणाम करता हूँ ।