हिंगलाज- सुभाषित
संस्कृत के सुभाषित
परात्परं चिदानन्दं निर्विकारं हृदि स्थितम् ।
गुणातीतं गुणमयं मयूरेशं नमाम्यहम् ॥
Sanskrit Subhashit with hindi meaning
जो देवताओं के गण के राजा हैं, लाल कमल के समान जिनके देह की आभा है, जो सबके वन्दनीय हैं, विघ्न के काल हैं, विघ्नों को हरनेवाले हैं, शिवजी के पुत्र हैं, उन गणेशजी का मैं सिद्धि के साथ आवाहन और भजन करता हूँ ।