हिंगलाज- सुभाषित by sparsh · September 2, 2022 संस्कृत के सुभाषित नमस्ते योगरूपाय सम्प्रज्ञातशरीरिणे ।असम्प्रज्ञातमूर्ध्ने ते तयोर्योगमयाय च ॥ Sanskrit Subhashit with hindi meaning हे गणेश्वर ! सम्प्रज्ञात समाधि आपका शरीर तथा असम्प्रज्ञात समाधि आपका मस्तक है । आप दोनों के योगमय होने के कारण योगस्वरूप हैं, आपको नमस्कार है ।Like this:Like Loading...