समस्त ब्रह्मक्षत्रिय समाज
शांति मार्ग नहीं अपितु लक्ष्य है
जीवन एक अवसर है श्रेष्ठ बनने का
संयमपूर्वक जीवन जीना सुखदायक होता है।
हे जगत के नियंता! हे जगदीश्वर!
मानसिक आलस्य बहुत खतरनाक होता है
हरदम मन प्रसन्न कैसे रहें ?
सबका कुछ ना कुछ मूल्य चुकाना ही पड़ता है
आपके त्याग से आपके जीवन का मूल्यांकन किया जाता है
आत्म-साक्षात्कार के पथ पर अग्रसर होना
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