राहु
उस राशि का स्वामी जहां की यह स्थित हो, भौतिकवादी, सर्वातिशयी सिद्धान्त का ग्रह, दिखने में बुढ़ा व गंजा।
समस्त ब्रह्मक्षत्रिय समाज
उस राशि का स्वामी जहां की यह स्थित हो, भौतिकवादी, सर्वातिशयी सिद्धान्त का ग्रह, दिखने में बुढ़ा व गंजा।
कंजूस ग्रह, तक्र का ग्रह, दर्शन, नपुंसकता, सन्यास, ठंडा – बर्फीला ग्रह, विनाशकारी बल, गोपनीय, बंजर।
काव्य – ग्रह, भौतिकवाद का, शारीरिक सुख का ग्रह तथा वैभव का सूचक, जीवन – शक्ति, कांति, वीर्य, व्यायाम व खेल, कला व संस्कृति।
आध्यात्मिक, विस्तार व गरिमा का दार्शनिक ग्रह, आध्यात्मिकता व बुद्धि प्रदान करता है, एक आदर्श ग्रह, द्विपद।
बन्धु कारक, विद्या कारक, जनन कारक। भाषण, बुद्धि, तक्र, धातु मूल जीव का मिश्रण।
तानाशाही, बंजर, विवाह संबंधी ग्रह, साहसिक कार्य व विस्तार का ग्रह, निरंकुश शासक।
यह बच्चे को धारण करने की शक्ति देता है, संदेहशील, पानी व प्राकृतिक शक्तियों से संबंधित गर्भाधान का एक ग्रह।
राजनीति, शाही, कुलीन, ग्रह, चौपाया, जीवन स्रोत, एक नैसर्गिक आत्मकारक, बंजर, गर्म और उर्जा।
पीपल में जल अर्पित करने से सभी प्रकार के ग्रह दोष दूर हो जाते हैं और अक्षय पुण्य की प्राप्ति होती है। इसके अलावा अन्य वृक्ष जैसे नीम, बरगद, बेलपत्र, अशोक, चंदन, आम आदि...
पलंग के नीचे न रखें ये चीजें, इनसे शादी में आती है रुकावट घर में वास्तुदोष होने पर वहां रहने वालों को कई तरह की विपत्तियों का सामना करना पड़ता है। ऐसे में घर...
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