शत्रुघ्न की भूमिका, योगदान और महत्व
जानिए रामायण मे शत्रुघ्न की भूमिका, योगदान और महत्व ज़रूर जानिए रामायण मे शत्रुघ्न की भूमिका, योगदान और महत्व कुछ बुद्धिजीविओं का मानना है की रामायण में शत्रुघ्न की भूमिका कुछ खास नहीं है...
समस्त ब्रह्मक्षत्रिय समाज
बाल संस्कार / रामायण / हिंगलाज
जानिए रामायण मे शत्रुघ्न की भूमिका, योगदान और महत्व ज़रूर जानिए रामायण मे शत्रुघ्न की भूमिका, योगदान और महत्व कुछ बुद्धिजीविओं का मानना है की रामायण में शत्रुघ्न की भूमिका कुछ खास नहीं है...
बाल संस्कार / रामायण / हिंगलाज
बालि की ताकत और शूरवीरता जानकार अचम्भित हो जायेंगे आप रामायण में यह भी उल्लेख आता है के बालि प्रतिदिन सूर्य को जल चढ़ाने पूर्व तट से पश्चिम तट और उत्तर से दक्षिण तटों...
बाल संस्कार / रामायण / हिंगलाज
श्रीराम की धरती मां से विनती की भरत के पैरों में पत्थर और कांटा न लगे एक बार जब प्रभु श्रीराम, लक्ष्मण व सीता जी के साथ चित्रकूट पर्वत की ओर जा रहे थे,...
धनुष यज्ञ के लिये प्रस्थान – बालकाण्ड ऋषि विश्वामित्र ने बताया, “हे राम! जनक मिथिलापुरी के राजाओं की उपाधि है जो चिरकाल से चली आ रही है।” दूसरे दिन राम और लक्ष्मण अपने नित्यकर्मों...
मारीच और सुबाहु का वध – बालकाण्ड दूसरे दिन ब्राह्म मुहूर्त में उठ कर तथा नित्यकर्म और सन्ध्या-उपसना आदि निवृत होकर राम और लक्ष्मण गुरु विश्वामित्र के पास जा कर बोले, “गुरुदेव! कृपा करके...
सत्य का शुद्धतम वक्तव्य जनक उवाच। कथं ज्ञानमवाम्मोति कथं मुक्तिर्भविष्यति।वैराग्य ब कथं प्राप्तमेतद ब्रूहि मम प्रभो।। १।। अष्टावक्र उवाच। मुक्तिमिच्छसि चेत्तात विषयान् विषवत्यज।क्षमार्जवदयातोषसत्यं पीयूषवद् भज।। 2।। न पृथ्वी न जलं नाग्निर्न वायुधौर्न वा भवान्।एषां...
विश्वामित्र का आश्रम – बालकाण्ड “भगवान विष्णु ने बलि की दानशीलता से प्रसन्न होकर उसे वरदान दिया कि यह स्थान सदा पवित्र माना जायेगा, सिद्धाश्रम कहलायेगा और यहाँ तपस्या करने वाले को शीघ्र ही...
आध्यात्मिकता / देवी देवताए / धर्म दर्शन / रामायण / हिंगलाज
हनुमान चालीसा कई लोगों की दिनचर्या हनुमान चालीसा पढ़ने से शुरू होती है। पर क्या आप जानते हैं कि श्री हनुमान चालीसा में 40 चौपाइयां हैं, ये उस क्रम में लिखी गई हैं जो...
विश्वामित्र द्वारा राम को अलभ्य अस्त्रों का दान ( बालकाण्ड ) अष्टावक्र गीता अद्वैत वेदान्त का ग्रन्थ है जो ऋषि अष्टावक्र और राजा जनक के संवाद के रूप में है। भगवद्गीता, उपनिषद और ब्रह्मसूत्र...
धर्म दर्शन / पौराणिक कथाएँ / रामायण / हिंगलाज
श्रवण के पिता का श्राप महाराज दशरथ को जब संतान प्राप्ति नहीं हो रही थी तब वो बड़े दुःखी रहते थे…पर ऐसे समय में उनको एक ही बात से हौंसला मिलता था जो कभी...
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