जो वस्तुएं हमारे पास नहीं उसका लोभ कैसा
इस जीव जगत में बह्म पूर्ण है। इसलिए यह जगत भी पूर्ण है। उसी पूर्ण से इस पूर्ण की उत्पत्ति हुई है। अतः हम अगर इस पूर्ण को निकाल देते है तो शेष पूर्ण...
समस्त ब्रह्मक्षत्रिय समाज
इस जीव जगत में बह्म पूर्ण है। इसलिए यह जगत भी पूर्ण है। उसी पूर्ण से इस पूर्ण की उत्पत्ति हुई है। अतः हम अगर इस पूर्ण को निकाल देते है तो शेष पूर्ण...
परम कारूणिक परमेश्वर ने अपनी अद्भुत सृष्टि को देखने के लिए मानव को नेत्र दिए । नेत्रों से देखने के लिए सूर्य बना या और जीवन जीने के लिए वेद रूपी भानु बनाया ।
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